जिसने की थी महाभारत की रचना वही भी था महाभारत का एक पात्र

महाभारत तो आप सभी ने पढ़ी, सुनी या देखी ही होगी. ऐसे में महाभारत में कई अनोखे रहस्य थे जो बहुत कम लोग जानते हैं. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं महाभारत के वह अनोखे रहस्य जिन्हे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. आइए जानते हैं.

1. कहा जाता है खतरनाक योजनाओं के पीछे शकुनि का छिपा हुआ रहस्य था और धृतराष्ट्र ने गांधारी के पूरे परिवार को बंदी बना लिया था. वहीं द्रौपदी के पिता सुबल ने निश्चय किया कि सभी लोग अपने हिस्से का भोजन छोड़ देंगे ताकि एक व्यक्ति मजबूत बने जो कि धृतराष्ट्र से प्रतिशोध से सके. इस काम के लिए शकुनि को चुना गया था.

2. कहते हैं महाभारत का रचयिता खुद भी उसमें एक चरित्र है. जी हाँ, कहानी के अनुसार सत्यवती का विवाह शान्तनु से होने के पहले उनके एक पुत्र महर्षि पराशर से था और महर्षि पराशर की बात मानने के पहले सत्यवती ने तीन वरदान मांगे थे, जिसमें से एक ये था कि उनसे उत्पन्न पुत्र बहुत बड़ा संत बनेगा. वहीं उसके बाद सत्यवती ने यमुना के एक द्वीप पर पुत्र को जन्म दिया और इसी बच्चे का नाम कृष्ण द्वैपायन था जो बाद में व्यास के नाम से जान गये. वहीं उन्होंने ही पुराणों और महाभारत की रचना की.

3. धृतराष्ट्र और पांडु के पिता एक ही थे क्योंकि भीष्म ने प्रतिज्ञा ली थी कि वह कभी भी राजसिंहासन पर नहीं बैठेंगे. ऐसे में शान्तनु से पैदा हुए सत्यवती के दोनों पुत्रों की मौत कम उम्र में हो गयी और उनके बाद बचे थे भीष्म, दो विधवा बहुएं और खाली राजसिंहासन. वहीं सत्यवती ने अपने पहले पुत्र व्यास को बुलाया जिनके आने के बाद नियोग से दोनो बहुएं गर्भवती हुईं और अंबिका ने धृतराष्ट्र को और अंबालिका ने पांडु को जन्म दिया.

4. कहते हैं दुर्योधन का नाम सुयोधन था और इसी तरह से दुशासन का नाम भी सुशासन था लेकिन उनके खराब कामो की वजह से उनके नाम से सु हट गया और दु लग गया.

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