वैसे तो कोराना काल में अधिकांश बड़े मंदिर बंद हैं, लेकिन गली मोहल्लों के छोटे शिव मंदिरों में अब भी आप रुद्राभिषेक होते देख रहे हैं। क्या कभी जेहन में सवाल उठा है कि रुद्राभिषेक क्यों होता है? यह क्यों किया जाता है? जानकारों का कहना है कि देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने का सरतलम उपाय है महारुद्राभिषेक। सावन का महीना सभी के लिए किसी वरदान से कम नहीं होता है और सावन में भगवान शिव से मांगी गई समस्त मनोकामनाएं शीघ्रता से पूर्ण होती है।
इस महीने में भगवान शिव के रुद्राभिषेक का विशेष फल मिलता है। सावन के महीने में भगवान शिव के रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है। सावन के महीने में भक्त सोमवार के दिन शिवालयों में रुद्राभिषेक करते हैं। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास बता रहे हैं कि कैसे होता है रुद्राभिषेक?
रुद्राभिषेक करने से सभी देवों के अभिषेक करने का फल मिलता है। रुद्राभिषेक में सृष्टि की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करने की शक्ति है। अतः अपनी आवश्यकता अनुसार अलग-अलग पदार्थों से अभिषेक करके प्राणी इच्छित फल प्राप्त कर सकता है। निम्न वस्तुओं से करें शिव का महारुद्राभिषेक:-
1. दूध: घर का वातावरण सुखद और पवित्र रहने के लिए
2. दही: पारिवारिक कलह और अचानक नुकसान से बचने के लिए
3. शहद: विद्या प्राप्ति के लिए
4. शक्कर: खुशहाली के संचार के लिए
5. नारियल पानी: शत्रु प्रभाव और प्रेत बाधा दूर करने के लिए
6. भस्म: शत्रुओं के विनाश लिए
7. वर्षा जल: नकारात्मक शक्तियों के नाश के लिए
8. गन्ने का रस: लक्ष्मी प्राप्ति के लिए
9. गंगा जल: ग्रहों द्वारा उत्पन्न दोष दूर करने के लिए
10. भांग: सुखद स्वास्थ की प्राप्ति के लिए
11. घी: कारोबार में अड़चनें दूर करने के लिए
महारुद्राभिषेक के शुभ फल:-
1. घर-संपत्ति की प्राप्ति होती है।
2. शत्रुओं का साया समाप्त होता है।
3. समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
4. दुखों का अंत होता है।
5. लक्ष्मी का वास घर में सदैव बना रहता है।
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