बुधवार को विशेषकर भगवान गणेश जी का दिन माना जाता है. भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय भी माना जाता है. कई देवी-देवताओं की पूजा में सिंदूर भी चढ़ाई जाता है। विशेष तौर पर शिव परिवार या शिव के सभी अंश अवतारों पर सिंदूर चढ़ाने का बहुत ही महत्व माना गया है। इसके पीछे मान्यता यह है कि सिंदूर शिव के तेज से उत्पन्न हुए पारे (धातु) से बना है। ऐसा माना जाता है की शिव पुत्र श्री गणेश को सिंदूर चढ़ाने पर या सिंदूर से चोला चढ़ाने भक्तो की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। हर सप्ताह बुधवार को गणेश पूजा के दौरान यह मंत्र के उच्चारण के साथ गणेशजी को सिंदूर चढ़ाना चाहिए…
मंत्र-
सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्।
शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्।।
जिस घर में भगवान गणेशजी की पूजा की जाती है उस घर से सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। गणेशजी को शमी के पत्ते की भेट चढ़ाने से बुद्धि का विकास होता है। शमी एक वृक्ष है। इसके पत्ते भी मोदक की तरह ही गणेशजी को बहुत प्रिय हैं। मान्यता है कि इस वृक्ष में शिवजी का निवास रहता है। सभी कष्टो के निवारण होता है। मानसिक शांति प्राप्त होती है। बुधवार को गणेशजी की पूजा में चावल, फूल, सिंदूर के साथ ही शमी पत्ते भी चढ़ाएं। इस दौरान यहां दिए गए मंत्र का जप करे-
मंत्र-
त्वत्प्रियाणि सुपुष्पाणि कोमलानि शुभानि वै।
शमी दलानि हेरम्ब गृहाण गणनायक।।