गवान शिव और माता पार्वती की आराधना का पर्व महाशिवरात्रि 21 फरवरी दिन शुक्रवार को है। इस दिन विधिपूर्वक भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। महाशिवरात्रि के दिन अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए रुद्राभिषेक भी कराया जाता है। रुद्राभिषेक प्रत्येक व्यक्ति करा सकता है, लेकिन अंक ज्योतिष के आधार पर आप अपने मूलांक के अनुसार रुद्राभिषेक कराएं, तो वह आपके लिए ज्यादा शुभ और फलदायक होगा।
अंक गुरु प्रो. अशोक भाटिया से जानते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन आपके मूलांक के लिए कौन सा अभिषेक ज्यादा शुभ होगा। यह जानने से पहले इस बात की स्पष्टता होनी चाहिए कि रुद्राभिषेक क्या होता है।
रुद्राभिषेक का अर्थ
अभिषेक शब्द का शाब्दिक अर्थ है स्नान करना या कराना। रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान रूद्र अर्थात् शिव का अभिषेक। भगवान शिव का रूप शिवलिंग में देखा जाता है। इसका अर्थ हुआ शिव लिंग का अभिषेक। रुद्राभिषेक शहद, गन्ने का रस, दूध, दही, दूर्वा मिश्रित जल आदि से किया जाता है।
मूलांक अनुसार रुद्राभिषेक
मूलांक 1: मूलांक 1 का अधिपति ग्रह सूर्य है। इस मूलांक के जातकों को शहद और गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए।
मूलांक 2: मूलांक 2 का अधिपति ग्रह चंद्रमा है। ऐसे में इस मूलांक के लोगों को दूध और शहद से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।
मूलांक 3: मूलांक 3 का अधिपति ग्रह गुरु है। इस मूलांक के लोगों को दूध, शहद और गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करना चाहिए।
मूलांक 4: मूलांक 4 का अधिपति ग्रह राहु है। मूलांक 4 के जातकों को गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।
मूलांक 5: मूलांक 5 का स्वामी ग्रह बुध है। इस मूलांक के लोगों को भगवान शिव की कृपा पाने के लिए दूर्वा मिश्रित जल और दही से अभिषेक कराना चाहिए।
मूलांक 6: मूलांक 6 का स्वामी ग्रह शुक्र है। ऐसे लोगों को दूध और दही से शिवलिंग का अभिषेक कराना चाहिए।
मूलांक 7: मूलांक 7 का स्वामी ग्रह केतु है। इस मूलांक के लोगों को दूध और शहद से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।
मूलांक 8: मूलांक 8 का अधिपति ग्रह शनि है। इस मूलांक के जातकों को भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए गंगा जल में गुड़ डालकर मीठे रस से अभिषेक कराना चाहिए।
मूलांक 9: मूलांक 9 का स्वामी ग्रह मंगल है। इस मूलांक के जातकों को शहद, गन्ने के रस और दूध से भगवान शिव का अभिषेक कराना चाहिए।