कहा जाता है गुरूवार के दिन भगवान विष्णु की आरधना करनी चाहिए और साथ ही उनकी आरती और पूजा करनी चाहिए. जी दरअसल इस दिन भगवान की आरती करने से सभी दोष दूर हो जाते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है . अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं गुरूवार के दिन की जाने वाली भगवान विष्णु की आरती. आइए जानते हैं इस आरती को जिससे आप भगवान को खुश कर सकते हैं.
भगवान जगदीश्वर की आरती –
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे.
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे..
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का.
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का.. ॐ जय…..
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी.
तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी.. ॐ जय…..
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी..
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी.. ॐ जय…..
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता.
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता.. ॐ जय…..
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति.
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति.. ॐ जय…..
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे.
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे.. ॐ जय…..
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा.
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा.. ॐ जय…..
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा.
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा.. ॐ जय…..
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे.
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे..
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे.
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे..