करवाचौथ सुहाग का पर्व है इसलिए इस व्रत को सभी सुहागन स्त्रियां बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ रखती हैं। महिलाएं दिन भर निर्जल व्रत रख कर पति की लंबी उम्र की दुआ मांगती हैं। लेकिन यह व्रत उन्हीं लोगों का सफल होता है जो व्रत से जु़ड़ी इन खास बातों का ध्यान रखकर अपना व्रत पूरा करती हैं। इसलिए आप या आपके घर में कोई इस व्रत को रखता है तो इन 7 बातों को जरूर जान लें।
करवाचौथ का व्रत रखने वाली स्त्री को व्रत के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर मां पार्वती और भगवान शिव से व्रत को सफल करने की प्रार्थना करनी चाहिए और संकल्प करना चाहिए कि वह अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए करवाचौथ का व्रत रखेंगी जिसे आप सफल करें। इसके बाद सास ससुर और बड़ों को प्रणाम करके सरगी खाएं और फिर व्रत आरंभ करें।
व्रत के दिन पति पत्नी को संयम बनाए रखना चाहिए और मन, वचन से अपने जीवनसाथी की लंबी उम्र की कामना करते हुए देवी करवा के सतीत्व का ध्यान करना चाहिए।
पति के प्रति मन में क्रोध और बुरे विचार मन में नहीं लाने चाहिए। कहते हैं जो महिला इस व्रत में पति के प्रति बुरे विचार रखती हैं उनके सुहाग की हानि होती है।
इस व्रत के दिन लाल या पीला वस्त्र ही धारण करें। दान में भी केवल इन्हीं रंगों के वस्त्र देने चाहिए। सफेद और काले वस्त्र धारण नहीं करें।
इस व्रत में सोलह श्रृंगार का बड़ा महत्व है। आज पूर्ण श्रृंगार करके शिव पार्वती सहित भगवान गणेश और करवा माता की पूजा करें और प्रार्थना करें कि उनका सुहाग और श्रृंगार यूं ही हमेशा बना रहे।
इस व्रत में सूर्योदय से चन्द्रोदय तक निर्जल रहना होता है इसलिए अन्न जल का ध्यान त्याग कर पति का ध्यान करें। चन्द्रमा के दर्शन के बाद ही पति के हाथों से जल ग्रहण करके व्रत पूरा करें।
चंद्र दर्शन के बाद पति के हाथों से मांग भरवाने के बाद यह व्रत पूर्णतः सफल होता है। इसलिए पति और पत्नी दोनों को मिलकर इस व्रत को सफल बनाने में सहयोग करना चाहिए।