किसी भी व्यक्ति का जीवन सफल तभी है जब वह अपना कल्याण करे। भौतिक दृष्टि से तो जीवन में सांसारिक सुख और समृद्धि की प्राप्ति को ही कल्याण मानते है परन्तु वास्तविक कल्याण व्यक्ति का तभी है जब वह सदा के लिए जन्म-मरण के बंधन से अपने को मुक्त कर मोक्ष प्राप्त कर लेता है। चतुर्युगो में मोक्ष के अलग-अलग साधन के द्वारा मोक्ष प्राप्ति का वर्णन शास्त्रों में मिलता है। जो इस प्रकार है-
सतयुग – ताप द्वारा
त्रेतायुग – ज्ञान द्वारा
द्वापरयुग – यज्ञ द्वारा और
कलयुग – दान द्वारा
दान करते समय रखे इन बातों का ध्यान।
1. चोरी के धन से किया गया।
2. पाप मार्गो से कमाया गया धन।
3. मन में अहंकार रखकर किया गया।
4. दूसरों को नीचा दिखने के उद्देश्य से किया गया।
5. परिवार के सदस्यों को कष्ट पहुचाकर।
6. मन में लाभ प्राप्ति का विचार रखकर।
7. किसी भी को हानि पहुचाकर किया गया।