आशचर्य की बात यह है कि जो चिह्न श्रीराम के दक्षिण पैर में हैं वैसा ही भगवती सीता के वाम पैर में भी हैं। और जो चिह्न राम जी के वाम पैर में हैं वे सीता जी के दक्षिण पैर में हैं।
Check Also
Varuthini Ekadashi के दिन इस तरह करें तुलसी माता की पूजा
हर साल वैशाख माह के कृष्ण पक्ष में वरूथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi 2025) का व्रत …