अगहन गुरूवार पर देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के बाद महिलाओं ने सुनी कथा

अगहन महीने के दूसरे गुरुवार पर मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की गई। गुरुवार सुबह पूजा के बाद अगहन बृहस्पतिवार की कथा महिलाओं ने सुनी। महिलाएं दिनभर व्रत रखकर घरों में धन-धान्य वृद्धि की कामना की। इस दौरान आंवला, पत्ते, रखिया और धान की बालियां आदि रखकर पूजा की गई। यह सिलसिला अगहन महीने की पूर्णिमा तिथि यानि आने वाले दो गुरुवार और चलेगा। अगहन गुरूवार के चलते श्री लक्ष्मीनारायण और जगन्नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं ने दर्शन और पूजा अर्चना किया।

बुधवार शाम से होने लगी थी पूजा की तैयारी :
अगहन गुरुवार के लिए महिलाओं द्वारा बुधवार की शाम से ही इसकी तैयारी घरों में की जाने लगी थी। शाम को घरों के सामने मुख्य द्वार पर रंगोली से आकर्षक आकृतियां बनाई गई। घरों के भीतर-बाहर चावल के आटे को भीगा कर उससे रेहन बनाया गया, साथ ही उससे दीवारों के कोनों में बेल की तरह फूल और पत्तियों की आकृतियां बनाई गई। इसे आकर्षक तरीके से सजाया गया। भक्तों द्वारा मां लक्ष्मी की चरणों का निशान भी प्रतीक स्वरूप भी बनाया गया फिर देर रात मां लक्ष्मी की शयन पूजा की गई। अगहन बृहस्पतिवार की पूजा में रखिया और आंवला का विशेष महत्व माना जाता है।

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