– तुलसी दल भूलकर भी शिव पूजन में शामिल नहीं करनी चाहिए।
– केतकी के पुष्प भगवान शिव पर नहीं चढ़ाने चाहिए। – शिवलिंग पर सिंदूर चढ़ाना वर्जित है।
– शिव पूजन में स्टील के बर्तनों का उपयोग नहीं करना चाहिए। शिव पूजन में फल, दही, दूध, शहद, घी, चीनी, इत्र, चंदन, केसर, भांग, धतूरा, बिल्लव पत्र आदि चीजें अर्पित करनी चाहिए।
मान्यता है कि सावन माह में अविवाहित युवतियां अगर सच्चे मन से प्रभु की आराधना व व्रत करें तो उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। विवाहित औरतें सावन के महीने में सोमवार का व्रत रखती हैं तो उन्हें सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है। सावन माह में सोमवार का व्रत रखने से सुख और समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है।
इस बार सावन के महीने में पूरे 4 सोमवार हैं। सावन के महीने में चारों सोमवार के व्रत करने को शास्त्रों और धार्मिक ग्रंथों में फलदायी माना गया है। इसके साथ ही सोमवार के दिन पूजा-अर्चना करने के लिए धार्मिक ग्रंथों में विशेष व्याख्या की गई है।
कहा जाता है कि अगर विधि-विधान से भगवान शंकर की पूजा की जाए, तो वह प्रसन्न होते हैं और व्रत करने वाले शख्स की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।
– सावन का पहला सोमवार 30 जुलाई।
– सावन का दूसरा सोमवार 6 अगस्त।
– सावन का तीसरा सोमवार 13 अगस्त।
– सावन का चौथा सोमवार 20 अगस्त।
– सावन का अंतिम दिन 26 अगस्त।