ज्येष्ठ अमावस्या का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन किसी भी प्रकार का नया कार्य नहीं करना चाहिए लेकिन यह तिथि पूजा-पाठ के लिए बहुत शुभ होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र नदियों में स्नान पितरों का तर्पण और दान करना बेहद पुण्यदायी माना जाता है। इस साल ज्येष्ठ अमावस्या 6 जून यानी की आज मनाई जा रही है।
ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि का खास महत्व है। यह शुभ दिन पितरों की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन किसी भी प्रकार का शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, क्योंकि वे असफल हो जाते हैं। हालांकि यह तिथि धार्मिक कार्यों के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है। इसके अलावा इस दिन पितरों का तर्पण करना भी बेहद शुभ होता है।
वहीं, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अमावस्या पर कई सारे शुभ योग बन रहे हैं, जिनका अपना एक खास महत्व है। बता दें, इस बार अमावस्या (Jyeshtha Amavasya 2024) 6 जून, 2024 यानी आज मनाई जा रही है।
ज्येष्ठ अमावस्या 2024 पूजा नियम
- अमावस्या के दिन गंगा नदी में स्नान करें।
- इस तिथि पर भगवान सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए।
- जो लोग गंगा स्नान करने में असमर्थ हैं, वे घर पर ही स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर करते हैं।
- घर पर सात्विक भोजन बनाएं और ब्राह्मण को खिलाएं, साथ ही दान करें।
- पितरों का तर्पण अवश्य करें।
- इस शुभ दिन पर कुत्ते, कौवे, चींटियों, गाय को भोजन खिलाएं।
- इस तिथि पर ज्यादा से ज्यादा दान करें।
- इस मौके पर तामसिक चीजों से परहेज करें।
- इस दिन ज्यादा से ज्यादा पूजा-पाठ करना चाहिए।
ज्येष्ठ अमावस्या शुभ मुहूर्त
इस साल ज्येष्ठ अमावस्या पर पितरों का तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान 11 बजे के बाद ही होगा। हालांकि दान सुबह भी किया जा सकता है। वहीं, इस दिन लाभ-उन्नति मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 20 मिनट से 02 बजकर 04 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा सर्वोत्तम मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 04 मिनट से 03 बजकर 49 मिनट तक रहेगा।