यदि घर में है श्रीरामचरितमानस, तो पाठ से पहले जरूर जान लें ये नियम

जैसा कि नाम से ही ज्ञात होता है, धार्मिक ग्रंथ श्रीरामचरितमानस मुख्य रूप से भगवान राम के चरित्र पर आधारित एक ग्रंथ है। इस ग्रंथ में भगवान राम को एक आदर्श पुरुष के रूप में दर्शाया गया है। ऐसे में अपने घर में नियमित रूप से श्रीरामचरितमानस का पाठ करने से घर के बच्चों पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है।

इस तरह करें पाठ
रामचरित मानस का पाठ करने से पहले चौकी पर एक साफ-सुथरा और सुंदर वस्त्र बिछाएं। इसके बाद भगवान राम की प्रतिमा स्थापित करें। सबसे पहले हनुमान जी का आह्वान करें और इसके बाद गणेश जी का आह्वान करें। इसके बाद रामचरितमानस का पाठ शुरू करें। नियमित रूप जहां तक संभव हो सके पाठ करें और इसके बाद विराम देते हुए रामायण जी की आरती करें। अगले दिन वहीं से पाठ दोबारा शुरू करें।

न करें ये गलतियां
रामचरितमानस का पाठ करने से पहले अपने तन मन की स्वच्छता का विशेष रूप से ध्यान रखें। जिस घर में नियमित रूप से रामचरितमानस का पाठ होता है, वहां के सदस्यों को मांस-मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं लड़ाई-झगड़े की स्थिति से भी दूर रहना चाहिए। रामचरित मानस का पाठ करने वाले घर में स्त्री का अपमान नहीं होना चाहिए।

मिलते हैं ये लाभ
माना जाता है कि नियमित रूप से रामचरितमानस का पाठ करने से भगवान राम और माता सीता का आशीर्वाद बना रहता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि इसकी सहायता से साधक के लिए मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। मान्यताओं के अनुसार, रोजाना घर में रामचरितमानस का पाठ करने से हनुमान जी स्वयं उस घर के लोगों की हर विपदा से रक्षा करते हैं। साथ ही इसके पाठ से नकारात्मकता समाप्त होती है।

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