इन 6 शुभ योग में मनाया जाएगा सावन का पहला सोमवार

सावन का महीना देवों के देव भगवान शिव को अति प्रिय है। इस महीने में भगवान शिव संग मां पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त सोमवारी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत की महिमा का गुणगान शिव पुराण में किया गया है। शिव पुराण में निहित है कि 16 सोमवारी व्रत रखने से व्रती को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। ज्योतिषियों की मानें तो सावन महीने के पहले सोमवार पर 06 मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। शिववास योग जलाभिषेक के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस योग में भगवान शिव का जलाभिषेक करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। आइए, इन योग के बारे में जानते हैं-

सोमवार व्रत दिनांक ( Sawan Somvar Dates) :-
सोमवार 22 जुलाई- पहला सोमवार

सोमवार 29 जुलाई- दूसरा सोमवार

सोमवार 05 अगस्त- तीसरा सोमवार

सोमवार 12 अगस्त- चौथा सोमवार

सोमवार 19 अगस्त- पांचवा सोमवार

प्रीति योग
ज्योतिषियों की मानें तो सावन के पहले सोमवार पर प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। प्रीति योग संध्याकाल 05 बजकर 58 मिनट तक है। ज्योतिष प्रीति योग को पूजा और शुभ कार्यों के लिए उत्तम एवं श्रेष्ठ मानते हैं।

आयुष्मान योग
प्रीति योग के बाद आयुष्मान योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन मंगला गौरी व्रत पर दोपहर 02 बजकर 36 मिनट पर होगा। निशा काल में भी भगवान शिव की पूजा करने से मनचाहा वर मिलता है।

सर्वार्थ सिद्धि योग
सावन के पहले सोमवार पर सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग भी बन रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 05 बजकर 37 मिनट से लेकर देर रात 10 बजकर 21 मिनट तक है। इस दौरान भगवान शिव एवं मां पार्वती की पूजा-करने से अक्षय फल की प्राप्ति होगी।

शिववास योग
ज्योतिषियों की मानें तो सावन के पहले सोमवार पर दुर्लभ शिववास योग का निर्माण हो रहा है। शिव पुराण में शिववास योग को बेहद शुभ बताया गया है। इस योग में भगवान शिव का जलाभिषेक करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। इस दिन शिववास योग दोपहर 01 बजकर 11 मिनट तक है। इस समय तक भगवान शिव का जलाभिषेक कर सकते हैं।

करण
सावन के पहले सोमवार पर कौलव और तैतिल करण का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष दोनों ही करण को शुभ मानते हैं। कौलव करण का संयोग दोपहर 01 बजकर 11 मिनट तक है। इसके बाद तैतिल करण का निर्माण हो रहा है।

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