पाना चाहते हैं मनचाहा करियर, तो बुधवार को करें इन चीजों का दान

भगवान गणेश की पूजा शुभ और मांगलिक कार्यों में सर्वप्रथम की जाती है। बुधवार का दिन गणपति बप्पा को समर्पित है। इस दिन प्रभु की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही जीवन के सभी विघ्नों का नाश करने के लिए व्रत भी रखा जाता है। मान्यता है कि सच्चे मन से उपासना करने से शुभ कार्यों में सिद्धि मिलती है। साथ ही आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुधवार के दिन पूजा के बाद कुछ चीजों का दान करना जातक के लिए लाभकारी साबित होता है। इससे भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं। आइए जानते हैं कि बुधवार को किन चीजों का दान करना चाहिए?

इन चीजों का करें दान

  • सनातन धर्म में किसी विशेष अवसर पर दान करने का विशेष महत्व है। करियर में सफलता पाने के लिए मूंग दाल और सुहागिन महिलाओं को चूड़ी का दान करें। धार्मिक मान्यता है कि इस कार्य को करने से जातक को मनचाहा करियर मिलेगा और सफलता के नए मार्ग खुलेंगे।
  • इसके अलावा बुधवार को गाय को चारा खिलाएं। माना जाता है कि गाय को चारा खिलाने से देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है और ग्रह दोष की पीड़ा से छुटकारा मिलता है।
  • अगर आपके काम में कोई बाधा आ रही है, तो ऐसे में बुधवार को दही का दान करें। इससे आपको सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी।
  • इसके अलावा बुधवार के दिन पशु-पक्षियों को खाने पीने की चीजें दान करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से घर में सुख-शांति का आगमन होता है।

गणपति बप्पा की पूजा के दौरान निम्न मंत्रों का जाप करने से जातक की सभी मुरादें पूरी होती हैं और जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

सिद्धि प्राप्ति हेतु मंत्र

श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा ॥

मंगल विधान हेतु गणेश मंत्र

गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।

द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥

विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।

द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्‌ ॥

विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत्‌ क्वचित्‌ ।

वैष्णों देवी के दर्शन मात्र से पूरी होती है मनोकामना, घर बैठे ऐसे करें कृपा की प्राप्ति!
 जेष्ठ माह में करें तुलसी से जुड़े ये उपाय

Check Also

जानें, कैसे पड़ा बाबा बर्फानी की गुफा का नाम अमरनाथ?

हिंदुओं के लिए पवित्र तीर्थस्थल अमरनाथ धाम (Amarnath Yatra 2024) है। धार्मिक मान्यता है कि …