सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस तिथि पर मुख्य रूप से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की उपासना की जाती है। मान्यताओं के अनुसार वैशाख पूर्णिमा पर पीपल के पेड़ की पूजा करना भी शुभ माना गया है। इससे साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। तो चलिए जानते हैं पूर्णिमा तिथि पर पीपल के पेड़ की पूजा विधि।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा तिथि पर स्नान-दान करने से साधक को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त हो सकती है। शास्त्रों में माना गया है कि यदि वैशाख पूर्णिमा के दिन पीपल की पूजा की जाए, तो इससे पितर संतुष्ट होते हैं, जिससे साधक के जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है।
पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि 22 मई 2024 को शाम 05 बजकर 17 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं, इस तिथि का समापन 23 मई 2024 को शाम 05 बजकर 52 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में वैशाख पूर्णिमा 23 मई, गुरुवार के दिन मनाई जाएगी।
इस तरह करें पीपल की पूजा
वैशाख पूर्णिमा के दिन तांबे के लोटे में जल लेकर विष्णु जी के अष्टभुज रूप का स्मरण करें। इसके बाद जल को पीपल वृक्ष के जल में चढ़ा दें। इसके बाद वृक्ष की पांच बार परिक्रमा करें। इससे विष्णु जी की असीम कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही एक लोटे पानी में दूध और काला तिल मिलाकर पीपल के पेड़ में अर्पित करें। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और साधक को सुख-शांति का आशीर्वाद देते हैं।
जरूर करें ये काम
शास्त्रों के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा पर पीपल की पूजा के साथ-साथ पीपल का पेड़ लगाने से भी साधक को कई लाभ देखने को मिल सकते हैं। ऐसा करने से बृहस्पति ग्रह के बुरे प्रभावों से मुक्ति मिल सकती है।
मिलते हैं ये लाभ
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, जिस जातकों की कुंडली में शनि या फिर गुरु दोष होते हैं, उन्हें पीपल वृक्ष की पूजा जरूर करनी चाहिए। पीपल के पेड़ की पूजा करने से ग्रहों से शुभ फल मिलते हैं। जिससे जीवन में आ रही परेशानियां खत्म होने लगती हैं।