ज्योतिषीय गणना के अनुसार चैत्र पूर्णिमा 23 अप्रैल को है। इस दिन हनुमान जन्मोत्सव भी मनाया जाता है। सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि पर गंगा स्नान कर पूजा-पाठ, जप-तप और दान करने का विधान है। अतः बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं और विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। इसके पश्चात आर्थिक स्थिति के अनुरूप दान-पुण्य करते हैं। पूर्णिमा तिथि पर पूजा, जप-तप और दान-पुण्य करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। अगर आप भी भगवान विष्णु की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो चैत्र पूर्णिमा तिथि पर स्नान-ध्यान, पूजा-जप के बाद राशि अनुसार दान अवश्य करें।
राशि अनुसार दान
- मेष राशि के जातक चैत्र पूर्णिमा पर लाल रंग के कपड़े, मसूर दाल, मूंगफली आदि चीजों का दान करें।
- वृषभ राशि के जातक चैत्र पूर्णिमा के दिन मिश्री, चीनी, मखान और सफेद रंग की मिठाई का दान करें।
- मिथुन राशि के जातक चैत्र पूर्णिमा पर गौ माता के चारा हेतु गौशाला में अर्थ यानी धन का दान करें।
- कर्क राशि के जातक चैत्र पूर्णिमा पर दूध, दही, चावल चीनी आदि चीजों का दान करें।
- सिंह राशि के जातक भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने के लिए गेहूं और गुड़ का दान करें।
- कन्या राशि के जातक चैत्र पूर्णिमा पर मौसमी फल एवं सब्जी का दान करें।
- तुला राशि के जातक चैत्र पूर्णिमा पर सफेद वस्त्र का दान करें। आप चाहे तो जरूरतमंद लोगों को चावल का दान करें।
- वृश्चिक राशि के भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने हेतु राहगीरों के मध्य शरबत का वितरण करें।
- धनु राशि के जातक चैत्र पूर्णिमा पर केसर मिश्रित दूध राहगीरों को पिलाएं।
- मकर राशि के जातक चैत्र पूर्णिमा पर छाता, चमड़े के चप्पल और जूते का दान करें।
- कुंभ राशि के जातक चैत्र पूर्णिमा पर उड़द की दाल, काले तिल, काले रंग के वस्त्र का दान करें।
- मीन राशि के जातक चैत्र पूर्णिमा पर चना दाल, हल्दी, बेसन आदि चीजों का दान करें।