बांके बिहारी मंदिर में फूलबंगला का आयोजन कामदा एकादशी से शुरू होता है और सावन माह की हरियाली अमावस्या तक चलता है। इसी दिन बांके बिहारी जी फूलबंगला में श्रद्धालुओं को दर्शन देते हैं। गर्मी बढ़ने पर बांके बिहारी जी को ठंडक प्रदान करने के लिए मंदिरों को फूलों से सजाया जाता है। आइए जानते हैं इस बार किस दिन से बांके बिहारी जी फूलबंगला में विराजमान होंगे।
देश में ऐसे कई मंदिर हैं, जो बेहद प्रसिद्ध हैं। ऐसा ही एक मंदिर वृंदावन में स्थित है बांके बिहारी जी का। इस मंदिर में रोजाना अधिक संख्या में श्रद्धालु बांके बिहारी जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। किसी खास त्योहार पर इस मंदिर में अधिक भीड़ देखने को मिलती है। हर साल बांके बिहारी जी फूलबंगला में विराजमान होकर श्रद्धालुओं को दर्शन देते हैं। फूलबंगला का महोत्सव बांके बिहारी जी को गर्मी से राहत देने के लिए मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस बार किस दिन से बांके बिहारी जी फूलबंगला में विराजमान होंगे।
इस दिन सजेगा फूलबंगला
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार कामदा एकादशी 19 अप्रैल को है। इसी दिन बांके बिहारी जी फूलबंगला में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे। गर्मी बढ़ने पर भगवान को शीतलता प्रदान करने के लिए मंदिरों को फूलों से सजाया जाता है। इसी को फूलबंगला कहा जाता है। फूलबंगला का आयोजन कामदा एकादशी से शुरू होता है और सावन माह की हरियाली अमावस्या तक चलता है।
इन फूलों का होता है प्रयोग
बांके बिहारी जी के वस्त्र को भी फूलों की मदद से सजाया जाता है। इन फूलों में चमेली, गुलाब, गेंदा मोगरा समेत कई विदेशी फूलों का भी प्रयोग किया जाता है, जिससे बांके बिहारी जी को गर्मी में ठंडक मिल सके।
हर दिन सजाया जाता है फूल बंगला
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रोजाना फूलबंगला को अलग-अलग तरह से सजाया जाता है। फूलबंगला में इस्तेमाल किए गए फूलों को अहमदाबाद, दिल्ली, बेंगलुरु और कोलकाता मंगाए जाते हैं। फूलबंगला के दौरान अधिक संख्या में देश और विदेश से श्रद्धालु आते हैं।