हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-व्रत किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से इंसान का जीवन सुखमय होता है और शुभ फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कि प्रदोष व्रत की डेट शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
सनातन धर्म में सभी पर्व किस न किसी देवी-देवता को समर्पित है। ऐसे में प्रदोष व्रत के दिन देवों के देव महादेव की पूजा और व्रत करने का विधान है। हर माह में यह व्रत 2 बार रखा जाता है। एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष में। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-व्रत करने से साधक को भोलेनाथ का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि अप्रैल में पड़ने वाले प्रदोष व्रत की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
प्रदोष व्रत 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2024 Date and Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 20 अप्रैल को रात 10 बजकर 41 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 22 अप्रैल को मध्य रात्रि 01 बजकर 11 मिनट पर होगा। ऐसे में 21 अप्रैल को ही प्रदोष व्रत किया जाएगा।
प्रदोष व्रत पूजा विधि (Pradosh Vrat Puja Vidhi)
- प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद मंदिर की सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें।
- अब चौकी पर कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और देवी पार्वती की मूर्ति या तस्वीर विराजमान करें।
- अब भगवान शिव को सफेद चंदन, कुमकुम का तिलक लगाएं।
- माता पार्वती को श्रृंगार की चीजें अर्पित करें।
- घी का दीपक जलाकर आरती करें।
- शिव चालीसा, शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें।
- अंत में आरती से पूजा को समाप्त करें।
- इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती को फल और मिठाई समेत विशेष चीजों का भोग लगाएं।
- अंत में लोगों में प्रसाद का वितरण करें।