नवरात्र में नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। यह समय मां दुर्गा की कृपा प्राप्ति के लिए उत्तम माना जाता है। इस दौरान कुछ नियमों का पालन करना भी जरूरी माना गया है। ऐसे में यदि आप नवरात्र के दौरान कुछ वास्तु नियमों का ध्यान रखते हैं, तो इससे आपको शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।
मूर्ति या तस्वीर की सही दिशा
नवरात्रि में मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित की जाती है। वास्तु शास्त्र में माना गया है कि माता की मूर्ति रखने के लिए उत्तर या फिर पश्चिम दिशा सबसे बेहतर होती है। इससे आपको जीवन में विशेष लाभ देखने को मिल सकता है। मूर्ति को कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है, साथ ही व्यक्ति को वास्तु दोष का भी सामना करना पड़ सकता है।
पूजा की दिशा
वास्तु शास्त्र में माना गया है कि नवरात्र की पूजा के दौरान साधक का मुख पूर्व या फिर दक्षिण में होना चाहिए। ऐसा करने से मानसिक शांति का अनुभव होता है। साथ ही आपको पूजा का पूर्ण फल भी प्राप्त होता है।
किस रंग की होनी चाहिए प्रतिमा
अगर आप नवरात्रि में मां दुर्गा के प्रतिमा घर ला रहे हैं, तो ध्यान रखें की मूर्ति का रंग हल्का पीला, गुलाबी या फिर हरा होना चाहिए। आप चाहें तो इन रंगों की तस्वीर भी ला सकते हैं। वास्तु की दृष्टि से ऐसा करना बेहतर माना गया है।
इन बातों का रखें ध्यान
माता की प्रतिमा घर लाते समय इस बात का ध्यान रखें कि प्रतिमा 3 इंच से ज्यादा बड़ी नहीं होनी चाहिए। वहीं, मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित करने से पहले उस स्थान पर सिंदूर व अक्षर डालें। इसके बाद ही माता रानी के प्रतिमा स्थापित करें। ऐसा करने से माता अपने भक्तों से प्रसन्न होती हैं।