यह दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन वेदों की रक्षा हेतु भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था। कालांतर में भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप में वेदों को चुराने वाले दैत्य का वध किया था। धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त सभी दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं।
मत्स्य जयंती हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस साल 11 अप्रैल को मत्स्य जयंती है। यह दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन वेदों की रक्षा हेतु भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था। कालांतर में भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप में वेदों को चुराने वाले दैत्य का वध किया था। धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त सभी दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही जीवन में मंगल का आगमन होता है। अगर आप भी मनोवांछित फल पाना चाहते हैं, तो मत्स्य जयंती पर विधिपूर्वक भगवान विष्णु की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय राशि अनुसार इन मंत्रों का जप करें।
राशि अनुसार मंत्र
- मेष राशि के जातक मत्स्य जयंती पर ‘ॐ मत्स्याय नमः’ मंत्र का एक माला जप करें।
- वृषभ राशि के जातक भगवान विष्णु को प्रसन्न करने हेतु ‘ॐ महाशयाय नमः’ मंत्र का जप करें।
- मिथुन राशि के जातक मत्स्य जयंती पर ‘ॐ महातेजसे नमः’ मंत्र का एक माला जप करें।
- कर्क राशि के जातक पूजा के समय ‘ॐ मुखमहानभसे नमः’ मंत्र का जप करें।
- सिंह राशि के जातक मत्स्य जयंती के दिन ‘ॐ महाभूतपालकाय नमः’ मंत्र का एक माला जप करें।
- कन्या राशि के जातक भगवान मत्स्य की कृपा पाने हेतु ‘ॐ मरुत्पतये नमः’ मंत्र का एक माला जप करें।
- तुला राशि के जातक मत्स्य जयंती पर ‘ॐ मनोमयाय नमः’ मंत्र का जप करें।
- वृश्चिक राशि के जातक पूजा के समय ‘ॐ मानवर्धनाय नमः’ मंत्र का एक माला जप करें।
- धनु राशि के जातक भगवान विष्णु को प्रसन्न करने हेतु ‘ॐ महोदराय नमः’ मंत्र का एक माला जप करें।
- मकर राशि के जातक मनोवांछित फल पाने हेतु ‘ॐ मध्यरहिताय नमः’ मंत्र का एक माला जप करें।
- कुंभ राशि के जातक मत्स्य जयंती पर’ॐ मोहकाय नमः’ मंत्र का जाप एक माला जप करें।
- मीन राशि के जातक भगवान विष्णु की कृपा पाने हेतु ‘ॐ महोदयाय नमः’ मंत्र का पांच माला जप करें।