हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण पर्वों में से एक होली है। होली के एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है, जो इस साल 24 मार्च को मनाया जाएगा। यह पर्व भगवान विष्णु के भक्त प्रहलाद को समर्पित है। इस दिन को लेकर लोगों की अपनी – अपनी मान्यताएं हैं। ऐसा कहा जाता है कि होलिका दहन से पहले मुहूर्त देखना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि इसके बगैर यह पर्व पूरा नहीं होता है। तो चलिए यहां इसकी तिथि और पूजा नियम के बारे में जान लेते हैं।
होलिका दहन शुभ मुहूर्त
इस साल होलिका दहन पर कुछ समय के लिए भद्राकाल का साया रहेगा, जो 24 मार्च रात्रि 11 बजकर 13 मिनट तक रहने वाला है। ऐसे में होलिका दहन के लिए सबसे उत्तम समय रात्रि 11 बजकर 14 मिनट से लेकर 12 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप होलिका दहन बिना बाधा के कर सकते हैं।
कैसे मनाएं होलिका दहन?
- होलिका दहन की पूजा से पहले पवित्र स्नान करें।
- स्नान के बाद जहां होलिका दहन की पूजा कर रहे हो, वहां पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं।
- पूजा के लिए गाय के गोबर से होलिका और प्रहलाद की प्रतिमा बनाएं।
- इसके बाद रोली, अक्षत, फूल, फूलों की माला, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी,मूंग, बताशे, गुलाल नारियल, 5 प्रकार के अनाज और एक लोटे में पानी रख लें।
- फिर इन चीजों से विधि अनुसार पूजा करें।
- फल, गुझिया, मीठी पूरी आदि का भोग लगाएं।
- इसके साथ ही भगवान नरसिंह की भी पूजा विधि-विधान के साथ करें।
- अंत में अपनी मनोकामनाओं को होलिका दहन के समक्ष कहें।