पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि इस तिथि पर भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था। यही कारण है कि हिंदू धर्म में यह दिन विशेष महत्व रखता है। इस साल यह पर्व 08 मार्च 2024 को मनाया जाएगा। ऐसे में आइए जानते हैं कि शिव जी पर भांग और धतूरा चढ़ाने का क्या महत्व है।
ये है पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, जब देवताओं और असुरों के बीच अमृत की प्राप्ति के लिए समुद्र मंथन हुआ तो, इस दौरान विष भी उत्पन्न हुआ। यह विष इतना भयानक था कि इस विष की अग्नि से दसों दिशाएं जलने लगीं। तब भगवान शिव ने इस विष का पान किया, ताकि इस विष से प्रकोप से सभी को बचाया जा सके।
इस विष का प्रभाव इतना अधिक था कि इसके कारण से शिव जी का गला नीला पड़ गया और वह अचेत हो गए। इस स्थिति को देखकर समस्त देव व दानव चिंतित हो गए। तब भगवान शिव के सिर से हालाहल की गर्मी को दूर करने के लिए उनके सिर पर धतूरा और भांग रखा गया, जिससे विष शांत हुआ। माना जाता है कि तभी से शिव जी को भांग और धतूरा चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है।
इस चीज का है संकेत
भांग और धतूरा की प्रकृति कड़वी या फिर जहरीली होती है। जिस कारण मन में यह सवाल उठता है कि शिव जी पर ये चीजें क्यों अर्पित की जाती हैं। असल में भगवान शिव पर भांग और धतूरा अर्पित करने का अर्थ है कि हम अपनी सभी बुराईयां जैसे मन की कड़वाहट आदि का त्याग कर रहे हैं। ऐसे में भगवान को यह चीजें अर्पित कर हम स्वयं को निर्मल करने का संकल्प लेते हैं।
ज्योतिषीय कारण
शिवलिंग पर धतूरा अर्पित करने के पीछे ज्योतिषीय कारण भी माना जाता है, जिसके अनुसार धतूरे को राहु का कारक माना गया है। ऐसे में भगवान शिव पर धतूरा अर्पित करने से राहु से संबंधित दोष जैसे कालसर्प, पितृदोष आदि से छुटकारा मिल सकता है। महाशिवरात्रि पर आप शिवलिंग पर भांग और धतूरा अर्पित करके कई गुना फल प्राप्त कर सकते हैं।