मार्च में इस दिन है विजया एकादशी

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा और व्रत करने का विधान है। मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से साधक को भगवान श्री हरि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी मनोकामना पूर्ण होती है। व्रत एकादशी सूर्योदय से शुरू होता है और इसके अगले दिन द्वादशी तिथि पर सूर्योदय के बाद समाप्त होता है। चलिए आपको बताएंगे कि मार्च महीने की एकादशी व्रत डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

विजया एकादशी डेट और शुभ मुहूर्त

सनातन धर्म में एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। पंचांग के अनुसार, विजया एकादशी तिथि की शुरुआत 06 मार्च को सुबह 06 बजकर 30 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानी 07 मार्च को सुबह 04 बजकर 13 मिनट पर तिथि का समापन होगा। ऐसे में विजया एकादशी व्रत 06 फरवरी को है।

विजया एकादशी पूजा विधि

विजया एकादशी तिथि पर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। इसके बाद आचमन कर अपने आप को शुद्ध करें। भगवान विष्णु को पीला रंग अति प्रिय है, तो इस दिन पीले वस्त्र धारण करें। अब सूर्य देव को जल अर्पित करें। इसके बाद चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। अब पंचोपचार कर भगवान विष्णु की विधिवत पूजा-अर्चना करें। अब पीले रंग का फल, फूल और मिठाई अवश्य अर्पित करें। इसके बाद दीपक जलाकर आरती करें और विष्णु चालीसा का पाठ करें। इसके पश्चात ईश्वर से जीवन में सुख और शांति की कमाना करें। अंत में भगवान को फल, मिठाई और खीर का भोग लगाएं। भोग में तुलसी दल को अवश्य शामिल करें और लोगों में प्रसाद का वितरण करें।

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