प्रदोष व्रत की पूजा में शामिल करें ये चीजें…

 सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का खास महत्व है। यह महीने में दो बार आता है। यह व्रत पूरी तरह से देवों के देव महादेव की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त इस दिन का उपवास भक्ति भाव के साथ करते हैं उन्हें जीवन में कभी परेशान नहीं होना पड़ता है। साथ ही इस व्रत के प्रभाव से संतान रत्न की प्राप्ति होती है।

फरवरी माह का आखिरी प्रदोष 21 फरवरी, 2024 दिन बुधवार को रखा जाएगा। वहीं जो भक्त इस दिन का उपवास रख रहे हैं उनके लिए यहां पूजन सामग्री लिस्ट साझा की गई है, जो इस प्रकार है –

बुध प्रदोष व्रत पूजा-सामग्री

  • लाल या पीला गुलाल
  • अक्षत
  • कलावा
  • फल
  • फूल
  • सफेद मिठाई
  • सफेद चंदन
  • बेल पत्र
  • धागा
  • कपूर
  • धूपबत्ती
  • दीपक
  • रोली
  • पान
  • सुपारी
  • खीर
  • सफेद और लाल वस्त्र

प्रदोष व्रत कथा

प्रदोष व्रत भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। इस व्रत को लेकर कई कथाएं प्रसिद्ध हैं। ऐसा कहा जाता है कि जब देवताओं और असुरों ने अमृत की के लिए समुद्र मंथन किया था, तो इस प्रक्रिया के दौरान कई चीजें सामने आईं। समुद्र से सबसे पहली चीज हलाहल यानी जहर निकला जो पूरी दुनिया के लिए विनाशकारी था।

भगवान शिव ने हलाहल विष को भस्म करने और पृथ्वी पर सभी प्राणियों को बचाने का दायित्व अपने ऊपर ले लिया, जिस दिन महादेव ने विषपान किया उस दिन को प्रदोष के नाम से जाना जाने लगा।

भगवान शिव का ध्यान मंत्र

शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।

ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

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इस दिन रखा जाएगा फरवरी माह का दूसरा प्रदोष व्रत

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