मुस्लिम समुदाय के लिए रमजान का महीना बेहद पवित्र और विशेष माना जाता है। इस पूरे माह लोग रोजा रखते हैं, और नमाज पढ़कर अल्लाह की इबादत करते हैं। इस साल रमजान की शुरुआत 10 मार्च से होगी। साथ ही इसका समापन 9 अप्रैल को होगा। इस दौरान मुसलमान पूरे 30 दिन के रोजे रखते हैं, जिसका पालन सख्ती के साथ करना पड़ता है।
रमजान का पाक महीना
रमजान में रोजा रखना सबसे महत्वपूर्ण है। इस महीने के दौरान, मुस्लिम समुदाय के लोग सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ नहीं खाते-पीते हैं। इसके बाद पानी के साथ खजूर खाकर अपना रोजा खोलते हैं। इफ्तार के रूप में इस पवित्र समय की एक बड़ी दावत होती है, जिसमें परिवार के सभी सदस्य और करीबी लोग शामिल होते हैं। वहीं जो लोग अस्वस्थ या किसी यात्रा पर हैं उनके लिए यह व्रत इतना जरूरी नहीं हैं।
रोजा में संयम जरूरी है
रमजान मुस्लिम समुदाय के लिए संयम का महीना माना जाता है। यह उपवास की वह अवधि है जब विचारों से लेकर कार्यों तक व्यक्ति के आत्म-नियंत्रण की परीक्षा होती है। ऐसा माना जाता है कि संयम किसी भी व्यक्ति की उर्जा को बढ़ाने में मदद करता है। इस्लामी रूप से, मुसलमानों के लिए रमजान का अत्यधिक महत्व है।
30 दिनों के 3 महत्वपूर्ण हिस्से
रमजान के 30 दिनों को तीन हिस्सों में बांटा गया है। पहले 10 दिन रहमत, दूसरे 10 दिन बरकत और तीसरे यानी आखिरी 10 दिन मगफिरत के लिए होता है, जो लोग रोजा रखते हैं उनके लिए यह बेहद खास समय होता है। इस दौरान नमाज अदा करना, जकात, सदका आदि करना बहुत ही जरूरी होता है।