मां सरस्वती को प्रिय हैं ये वस्तुएं

हिंदू धर्म में माता सरस्वती को ज्ञान और कला की देवी माना जाता है। प्रत्येक वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। यह दिन माता सरस्वती की पूजा के लिए ही समर्पित माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि पर मां सरस्वती, ब्रह्मा जी के मुख से प्रकट हुई थीं। इसलिए बसंत पंचमी पर सरस्वती जी की पूजा की जाती है। 

बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त

माघ माह की शुक्ल पंचमी 13 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट पर शुरू हो रही है। साथ ही इस तिथि का समापन 14 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, बसंत पंचमी 14 फरवरी, बुधवार के दिन मनाई जाएगी। इस दिन सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 01 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।

जरूर चढ़ाएं ये चीजें

बसंत पंचमी के दिन पूजा के दौरान बच्चों को मां सरस्वती जी को पीले फूल और केसर रोली, चंदन, हल्दी और अक्षत अर्पित करें। मां सरस्वती को बुद्धि और ज्ञान की देवी माना गया है। ऐसे में पूजा में शिक्षा से संबंधित चीजें जैसे पेन और कॉपी को शामिल करना चाहिए। ऐसा करने से साधक की बुद्धि में वृद्धि होती है और स्मरण शक्ति भी अच्छी होती है।

अर्पित करें ये चीजें

बसंत पंचमी पर पूजा के दौरान मां सरस्वती की प्रतिमा या मूर्ति को पीले रंग के वस्त्र भी अर्पित करने चाहिएं। साथ ही इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करने से भी मां सरस्वती की कृपा साधक पर बनी रहती है।

इन चीजों का लगाएं भोग

वसंती पचंमी पर मां सरस्वती को बूंदी का प्रसाद चढ़ाना बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां सरस्वती को बूंदी अर्पित करने से ज्ञान की प्राप्ति हो सकती है। इसके साथ ही आप भोग के रूप में देवी को मीठे पीले चावल या फिर पीली मिठाई अर्पित कर सकते है। इससे देवी प्रसन्न होकर मां सरस्वती शिक्षा और बुद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

बेहद प्रिय है मां दुर्गा को यह स्तोत्र
बसंत पंचमी के दिन क्या करें और क्या न करें? जानें

Check Also

जानें, कैसे पड़ा बाबा बर्फानी की गुफा का नाम अमरनाथ?

हिंदुओं के लिए पवित्र तीर्थस्थल अमरनाथ धाम (Amarnath Yatra 2024) है। धार्मिक मान्यता है कि …