पंचांग के अनुसार, माघ माह में साल 2024, की दूसरी पूर्णिमा मनाई जाएगी। माघ महीने के पड़ने के कारण इसे माघी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस तिथि पर स्नान-दान का विशेष महत्व माना गया है। ऐसे में आइए जानते हैं माघी पूर्णिमा का महत्व और पूजा विधि।
माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
माघ माह की पूर्णिमा तिथि 23 फरवरी को दोपहर 03 बजकर 33 मिनट पर प्रारंभ हो रही है। साथ ही इसका समापन 24 फरवरी को शाम 05 बजकर 59 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, माघ पूर्णिमा 24 फरवरी, शनिवार के दिन मनाई जाएगी।
माघ पूर्णिमा का महत्व
धार्मिक ग्रंथों में माघ महीने आने वाली पूर्णिमा तिथि विशेष महत्व रखती है। इस तिथि पर साधक गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के संगम स्थल प्रयाग में स्नान कर पुण्य फलों की प्राप्ति करते हैं। इसके साथ ही इस विशेष दिन पर जरूरतमंदों को दान करने का भी विशेष महत्व माना गया है। साथ ही इस तिथि पर पूजा-पाठ करने से भी व्यक्ति को विशेष लाभ मिल सकता है।
माघ पूर्णिमा पूजा विधि
माघ पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाएं। इसके बाद किसी पवित्र नदी या कुआं जैसे जल स्रोत पर स्नान करें। यदि ऐसा संभव न हो तो आप घर पर ही पानी में गंगा जल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं। इसके बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को जल अर्पित करें और व्रत का संकल्प लें। इस दिन भगवान मधुसूदन की पूजा करने का विधान है। पूजा के बाद गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान दक्षिणा दें। ऐसा करने ले व्यक्ति को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त हो सकती है।