भगवान श्रीकृष्ण के विवाह को लेकर कई सारी कथाएं प्रचलित हैं जिनकी अपनी-अपनी मान्यताएं हैं। ऐसा माना जाता है कि श्रीकृष्ण ने 16 हजार कन्याओं की रक्षा करने के लिए उनसे विवाह किया था। उनके 1 लाख 61 हजार 80 पुत्र थे। और 16 हजार 108 पुत्री थीं। तो आइए इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं –
भगवान श्रीकृष्ण की पूजा शास्त्रों में बेहद शुभ मानी गई है। ऐसा कहा जाता है, जो भक्त लल्ला की पूजा श्रद्धा भाव के साथ करते हैं उनका जीवन खुशियों से भरा रहता है। ऐसे में आज हम मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर श्रीकृष्ण के 16 हजार कन्याओं के साथ विवाह के बारे में साझा करेंगे, जो इस प्रकार है –
इस वजह से श्रीकृष्ण ने किया था 16 हजार कन्याओं से विवाह
कान्हा के विवाह को लेकर कई सारी कथाएं प्रचलित हैं, जहां उनके विवाह के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, एक बार नरकासुर नामक राक्षस ने अमर होने की लालसा में 16 हजार कन्याओं की बलि चढ़ाने के लिए उनका हरण कर लिया था, लेकिन प्रभु कृष्ण ने उन कन्याओं की नरकासुर से रक्षा की और उन्हें उनके घर ले आएं.
लेकिन समाज और उनके परिवार वालों ने उन्हें स्वीकारने से इंकार कर दिया, जिस वजह से श्रीकृष्ण ने उन असहाय 16 हजार कन्याओं के साथ विवाह करने के लिए 16 हजार रूप धारण किए और सभी के साथ विवाह किया। हालांकि खुद कान्हा ने कभी उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार्य नहीं किया था।
भगवान कृष्ण की थीं 8 पटरानियां
पौराणिक कथाओं और शास्त्रों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण की 8 पटरानियों में रुक्मणि, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा का नाम शामिल है। वहीं उनके 1 लाख 61 हजार 80 पुत्र थे। और 16 हजार 108 पुत्री थीं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण अपनी सभी पटरानियों के साथ अलग- अलग रूप धारण कर मौजूद रहते थे।