आज मनाई जा रही है मासिक कृष्ण जन्माष्टमी

आज मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है। इस दिन को लेकर कई सारी पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार भगवान कृष्ण वासुदेव और देवकी के आठवें पुत्र हैं और उनसे पहले अन्य सभी सात पुत्रों को असुर राजा कंस ने मार डाला था। कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर्व का बड़ा महत्व है। यह त्योहार भगवान कृष्ण की पूजा के लिए समर्पित है। इस शुभ दिन पर भक्त भगवान कृष्ण के लड्डू गोपाल स्वरूप की विशेष पूजा करते हैं। मासिक जन्माष्टमी हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है।

इस माह यह 2 फरवरी 2024 दिन शुक्रवार यानी आज मनाई जा रही है। ऐसी मान्यता है कि जो साधक इस दिन श्री कृष्ण की पूजा भक्तिपूर्वक करते हैं उनके सभी कष्टों का अंत हो जाता है।

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी 2024 पूजा विधि

यह दिन भगवान कृष्ण के जन्म का प्रतीक है, इसलिए भक्त उनका आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन का उपवास रखते हैं। सुबह उठकर पवित्र स्नान करें। भगवान कृष्ण की एक प्रतिमा स्थापित करें। पंचामृत से स्नान करवाएं। गोपी चंदन का तिलक लगाएं। माखन-मिश्री का भोग लगाएं। भगवान कृष्ण के मंत्रों का जाप करें। आरती के साथ पूजा को पूर्ण करें। अंत में शंखनाद करें।

पूजा में हुई गलती के लिए क्षमा मांगे। अगले दिन प्रसाद से अपने व्रत का पारण करें। मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के बारे में यह भी मान्यता है कि इससे पापों का नाश होता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व

भगवान कृष्ण के जन्म के पीछे की पौराणिक कथा लगभग हर संस्कृति में प्रचलित हैं। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, भगवान कृष्ण वासुदेव और देवकी के आठवें पुत्र हैं और उनसे पहले, अन्य सभी सात पुत्रों को असुर राजा कंस ने मार डाला था। माना जाता है कि जब लल्ला का जन्म हुआ तो जेल के सभी ताले खुल गए और पहरेदार सो गए।

इसके बाद उनके पिता वासुदेव नंद गांव पहुंचे और नंद बाबा को उन्हें सौंप दिया। अंतत: कृष्ण ने कंस का वध कर प्रजा को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलाई। बता दें, कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

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