षटतिला एकादशी का व्रत माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखते हैं. इस साल षटतिला एकादशी व्रत 6 फरवरी को है. उस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और रात्रि के समय में जागरण करते हैं. षटतिला एकादशी के दिन तिल का उपयोग करना शुभ फलदायी माना जाता है. इस बार षटतिला एकादशी की तिथि 5 फरवरी को शाम 05 बजकर 24 मिनट से 6 फरवरी को शाम 04 बजकर 07 मिनट तक है. उस दिन का शुभ मुहूर्त यानी अभिजीत मुहूर्त 12ः30 पीएम से 01ः15 पीएम तक है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि षटतिला एकादशी पर तिल के कौन से उपाय हैं, जिनको करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होंगे और स्वर्ग की प्राप्ति होती है.
षटतिला एकादशी: तिल के 5 आसान उपाय
1. षटतिला एकादशी के दिन पानी में गंगाजल के साथ तिल मिलाकर स्नान करना चाहिए. सर्दी के मौसम में संभव हो तो तिल का उबटन लगाना चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति निरोगी होता है और पाप मिटते हैं. सेहत से जुड़ी समस्याएं हैं तो इसे करने से परहेज करें.
2. षटतिला एकादशी वाले दिन आपको पूजा के बाद तिल का दान करना चाहिए. इस दिन आप जितने तिल के दाने का दान करेंगे, उतने ही वर्ष आपको स्वर्ग का सुख प्राप्त हो सकता है. तिल दान करने से दरिद्रता, दुख और दुर्भाग्य का नाश होता है. ऐसी धार्मिक मान्यता है.
3. षटतिला एकादशी के अवसर पर आपको भोजन में तिल का उपयोग करना चाहिए. तिल खाने से व्यक्ति की सेहत ठीक रहती है.
4. षटतिला एकादशी पर आपको तिल दान के साथ कुछ रुपए भी दान करने चाहिए. इसके लिए आप तिल के लड्डू में कुछ सिक्के डालकर दान कर दें. यह गुप्त दान आपके भाग्य को प्रबल करेगा. आपको यश और सफलता की प्राप्ति होगी.
5. यदि आपकी कुंडली में शनि दोष है, राहु या केतु का दुष्प्रभाव है या पितृ दोष है तो आपको षटतिला एकादशी के दिन काले तिल का दान जरूर करना चाहिए. इससे आपके कष्ट दूर होंगे.
षटतिला एकादशी 2024 मुहूर्त
माघ कृष्ण एकादशी तिथि का प्रारंभ: 5 फरवरी, 05:24 पीएम से
माघ कृष्ण एकादशी तिथि का समापन: 6 फरवरी, 04:07 पीएम पर
षटतिला एकादशी व्रत का पारण: 7 फरवरी, 07:06 एएम से 09:18 एएम तक