देश-विदेश में मथुरा के वृंदावन में स्थित बांके बिहारी जी का मंदिर बेहद प्रसिद्ध है। प्रत्येक साल इस मंदिर में श्रद्धालु अधिक संख्या में बांके बिहारी जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। इस मंदिर से जुड़े ऐसे कई रहस्य हैं जिनके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है। बांके बिहारी जी के दर्शन सदैव श्रद्धालुओं को टुकड़ों में कराए जाते हैं।
देश-विदेश में मथुरा के वृंदावन में स्थित बांके बिहारी जी का मंदिर बेहद प्रसिद्ध है। इस मंदिर में श्रद्धालु अधिक संख्या में बांके बिहारी जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। इस मंदिर से जुड़े ऐसे कई रहस्य हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है। अगर आपने कभी ध्यान दिया होगा कि बांके बिहारी जी के दर्शन सदैव श्रद्धालुओं को टुकड़ों में कराए जाते हैं। बांके बिहारी जी के आगे बार-बार पर्दा डाला जाता है। इसकी वजह यह है कि श्रद्धालु बांके बिहारी जी को अधिक देर तक देख न सकें। आखिर ऐसा क्यों किया जाता है? चलिए जानते हैं बांके बिहारी जी के आगे बार-बार पर्दा डालने का क्या रहस्य है।
बांके बिहारी मंदिर में पर्दा लगाने का रहस्य
एक कथा के अनुसार, बांके बिहारी मंदिर में 400 वर्ष पहले तक पर्दा नहीं डाला जाता था। श्रद्धालु जितनी देर चाहे उतनी देर तक बांके बिहारी जी दर्शन कर सकते थे। एक बार एक बांके बिहारी जी के दर्शन करने के लिए मंदिर आया। तब वह अधिक देर तक बहुत प्रेम से मन लगाकर बांके बिहारी जी के दर्शन करने लगा।
उस दौरान भगवान साधक के प्रेम से खुश होकर उनके साथ ही चलने लगे। जब यह दृश्य पंडित जी ने देखा तो मंदिर में बांके बिहारी जी की मूर्ति नहीं है। तो उन्होंने भगवान से वापस मंदिर में चलने के लिए विनती की। तभी से हर 2 मिनट के गैप पर बांके बिहारी जी के सामने पर्दा डालने की परंपरा शुरू हुई।
बांके बिहारी मंदिर के अन्य रहस्य
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बांके बिहारी मंदिर के ऐसे कई अनेक रहस्य हैं। जैसे कि वर्ष में केवल एक दिन एक दिन मंगला आरती होना, वर्ष में सिर्फ एक बार भवगान बांके बिहारी जी के चरणों के दर्शन होना। इसके अलावा साल में केवल एक बार बंसी और मुकुट धारण करना। मान्यता के अनुसार, साधक जो बांके बिहारी जी से मनोकामनाएं मांगते है। वह पूरी होती हैं।