सनातन धर्म में मंत्र जाप का विशेष महत्व माना गया है। मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को न केवल आध्यात्मिक लाभ मिलता है बल्कि इसके कई शारीरिक लाभ भी होते हैं। आज हम आपको शिव जी के ऐसे 11 नाम बताने जा रहे हैं जिनका सुबह के समय जाप करने से व्यक्ति को जीवन में विशेष लाभ देखने को मिल सकता है।
सनातन धर्म में भगवान शिव को महादेव, भोलनाथ, शिवशंकर आदि भी कहा जाता है। वैसे तो हर दिन शिव जी की पूजा-अर्चना की जा सकती है, लेकिन सोमवार के दिन महादेव की अराधना करना ज्यादा बेहतर माना जाता है। शिवपुराण में माना गया है कि यदि सुबह उठकर एकादश रुद्र मंत्रों का जाप किया जाए, तो इससे साधक को जीवन में कई लाभ देखने को मिल सकते हैं।
कब करना चाहिए जाप
हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त का विशेष महत्व है। इस समय को सुबह उठने के लिए सबसे अच्छा समय माना गया है। ऐसे में शिव जी के नामों का जाप करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त अर्थात सुबह 4 बजे से 5 बजकर 30 मिनट के बीच का समय सबसे अच्छा माना गया है। ध्यान रहे कि शिव जी के नामों का जाप हाथ जोड़कर करना चाहिए।
शिवपुराण में एकादश रुद्र के नाम
शिव पुराण में एकादश रूद्र को – कपाली, पिंगल, भीम, विरुपाक्ष, विलोहित, शास्ता, अजपदा, अहिर्बुध्न्य, शम्भु, चण्ड, और भव के नाम से जाना जाता है। शिव पुराण में वर्णित एकादश रुद्र मंत्र ग्यारह विभिन्न मंत्रों का समूह है, जो इस प्रकार है –
एकादश रुद्र मंत्र
कपाली – ‘ओम हुमूम सतत्रम्भान्य हं हं ओम फाट फट्’
पिंगला – ‘ओम श्रीम हिम श्रीमान मंगला पिंगलाया ओम नमः’
भीम – ‘ॐ ऐं ऐं मनो वंचिता सिद्ध्या ऐं ऐं ॐ’
विरुपाक्ष – ‘ॐ रुद्रया रोगनाश्या अगच्छा च राम ॐ नम:’
विलोहित – ‘ॐ श्रीं ह्रीं सं सं ह्रीं श्रीं शंकरशनया ॐ’
शष्ठ – ‘ॐ ह्रीं ह्रीं सफलयाये सिद्धाए ॐ नम:’
अजपदा – ‘ॐ श्रीं बं सौ बलवर्धान्य बलेशवार्य रुद्राय फट् ॐ’
अहिर्बुध्न्य – ‘ॐ ह्रां ह्रीं हं समस्थ ग्रह दोष विनाशाय ॐ’
शम्भु – ‘ॐ गं ह्लौं श्रौं ग्लौं गं ॐ नम:’
चण्ड – ‘ॐ चुं चंदीशवार्य तेजस्यय चुं ॐ फट्ट’
भव – ‘ॐ भवोद भव संभव्यय इष्ट दर्शना ॐ सं ॐ नम:’