माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन सकट चौथ का त्योहार मनाया जाता है। सकट चौथ का व्रत महिलाएं संतान की दीर्घ आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखती हैं। इस व्रत का पारण चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद किया जाता है। मान्यता के अनुसार सकट चौथ व्रत करने से भगवान गणेश जी सारे दुखों को दूर करते हैं।
माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन सकट चौथ का त्योहार मनाया जाता है। सकट चौथ का पर्व भगवान गणेश जी को समर्पित है। सकट चौथ का व्रत महिलाएं संतान की दीर्घ आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखती हैं। इस व्रत का पारण चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद किया जाता है। मान्यता के अनुसार, सकट चौथ व्रत करने से भगवान गणेश जी सारे दुखों को दूर करते हैं। धार्मिक मत है कि सकट चौथ की पूजा मंत्रों का जाप न करने से सफल नहीं होती है। इसलिए भगवान गणेश जी के मंत्रों का जाप और स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। जो इस प्रकार है-
गणेश स्तोत्र
शृणु पुत्र महाभाग योगशान्तिप्रदायकम् ।
येन त्वं सर्वयोगज्ञो ब्रह्मभूतो भविष्यसि ॥
चित्तं पञ्चविधं प्रोक्तं क्षिप्तं मूढं महामते ।
विक्षिप्तं च तथैकाग्रं निरोधं भूमिसज्ञकम् ॥
तत्र प्रकाशकर्ताऽसौ चिन्तामणिहृदि स्थितः ।
साक्षाद्योगेश योगेज्ञैर्लभ्यते भूमिनाशनात् ॥
चित्तरूपा स्वयंबुद्धिश्चित्तभ्रान्तिकरी मता ।
सिद्धिर्माया गणेशस्य मायाखेलक उच्यते ॥
अतो गणेशमन्त्रेण गणेशं भज पुत्रक ।
तेन त्वं ब्रह्मभूतस्तं शन्तियोगमवापस्यसि ॥
इत्युक्त्वा गणराजस्य ददौ मन्त्रं तथारुणिः ।
एकाक्षरं स्वपुत्राय ध्यनादिभ्यः सुसंयुतम् ॥
तेन तं साधयति स्म गणेशं सर्वसिद्धिदम् ।
क्रमेण शान्तिमापन्नो योगिवन्द्योऽभवत्ततः ॥
गणेश गायत्री मंत्र
ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
सिद्धि प्राप्ति हेतु मंत्र
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा ॥
धन लाभ हेतु मंत्र
ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।
शुभ लाभ गणेश मंत्र
ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।।