ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य देव के धनु और मीन राशि में प्रवेश करने के दौरान खरमास लगता है। इस समय सूर्य के संपर्क में आने के चलते देवगुरु बृहस्पति का शुभ प्रभाव कम या क्षीण हो जाता है। अतः सूर्य देव के धनु और मीन राशि में गोचर करने के दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
आत्मा के कारक सूर्य देव एक राशि में 30 दिनों तक रहते हैं। इसके बाद एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। सूर्य देव के एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य देव के धनु और मीन राशि में प्रवेश करने के दौरान खरमास लगता है। धनु और मीन राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। सूर्य के संपर्क में आने के चलते देवगुरु बृहस्पति का शुभ प्रभाव कम या क्षीण हो जाता है। अतः सूर्य देव के धनु और मीन राशि में गोचर करने के दौरान खरमास लगता है। इस दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। मार्च महीने में सूर्य देव मीन राशि में गोचर करेंगे। इसके बाद एक महीने तक सभी मांगलिक कार्य बंद रहेंगे। आइए, सूर्य के मीन राशि में गोचर करने की तिथि और समय जानते हैं-
कब से लगेगा खरमास ?
ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य देव वर्तमान समय में मकर राशि में विराजमान हैं। 13 फरवरी को सूर्य देव मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। वहीं, मार्च महीने में 14 मार्च को सूर्य देव दोपहर 12 बजकर 36 मिनट पर कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य देव के कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करने के साथ ही खरमास शुरू होगा। अतः वर्ष 2024 में 15 मार्च से खरमास लगेगा।
इस दौरान सूर्य देव 17 मार्च को उत्तराभाद्रपद और 31 मार्च को रेवती नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इसके बाद 13 अप्रैल को सूर्य देव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य देव के मेष राशि में प्रवेश करने के साथ ही खरमास समाप्त हो जाएगा। अतः मार्च महीने में 12 मार्च तक विवाह हेतु लग्न का शुभ मुहूर्त है और अप्रैल माह में 13 अप्रैल के बाद 18 अप्रैल से लेकर 21 अप्रैल तक विवाह हेतु लग्न का मुहूर्त है।