भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ भी हैं। यह शहर की गिनती मोक्ष देने वाली सप्तपुरियों में की जाती है। साथ ही यहां पर देवी सती के इक्यावन शक्तिपीठों में से एक विशालाक्षी देवी भी स्थित है। इन सब कारणों की वजह से वह ज्योतिर्लिंग और यह शहर खुद में ही खास माना जाता है।
भगवान शिव के त्रिशूल पर टिकी है काशी
कहा जाता है कि इस नगर को खुद भगवान शिव ने अपने तेज से प्रकट किया था। इसलिए यह नगर उन्हीं का स्वरूप माना जाता है। प्रलय से समय इस नगर की रक्षा करने के लिए भगवान शिव ने इसे अपने त्रिशूल पर टिका कर रखा है।
काशी को माना जाता है पंचकोसी
काशी को भगवान शिव का सबसे प्रिय नगर माना जाता है। कहते हैं यहां खुद भगवान शिव निवास करते हैं। काशी को पंचकोसी यानी कल्याणदायिनी, कर्म बंधन का नाश करने वाली, ज्ञानदायिनी और मोक्ष प्रदान करने वाली माना जाता है।
मंदिरों का शहर है काशी
प्राचीन समय से ही काशी भारत की संस्कृति और धर्म का केन्द्र बनी हुई है। यहां पर हिंदू धर्म के साथ-साथ बौद्ध और जैन धर्म के भी कई मंदिर मौजूद हैं। कहते हैं आज काशी में डेढ़ हजार से भी ज्यादा मंदिर हैं।
इसलिए इसे कहा जाता है वाराणसी
यहां पर गंगा, वरुणा और अस्सी जैसी पावन नदियां बहती हैं। यहां पर वरुणा और अस्सी नदी के बहने के कारण ही इस शहर को वाराणसी भी कहा जाता है। यह दोनों नदियां यहां से बहती हुईं, आगे जाकर गंगा नदी में मिल जाती है।
काशी का स्वर्ण मंदिर
काशी में एक छोटी सी गली में प्रवेश करने पर यहां का प्राचीन विश्वनाथ मंदिर आता है। कहा जाता है इस मंदिर सा निर्माण इंदौर की महारानी अहिल्याबाई ने सन् 1777 में करवाया था। इस मंदिर के गुंबद पर सोने की परत महाराजा रणजीत सिंह ने सन् 1839 में चढ़वाई थी। यहां पर लगभग 820 किलो सोना लगा हुआ है। इसलिए इसे काशी का स्वर्ण मंदिर भी कहा जाता है।
कब जाएं
काशी जाने के लिए कोई विशेष समय नहीं है। भक्त सालभर यहां दर्शन के लिए आते है।
कैसे पहुंचें
हवाई मार्ग- यहां से लगभग 22 कि.मी. की दूरी पर बाबतपुर एयरपोर्ट है। वहां तक हवाई मार्ग से आकर रेल या सड़क मार्ग से विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग- देश के लगभग सभी बड़े शहरों से यहां के लिए रेल गाड़ियां चलती हैं।
सड़क मार्ग- विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग पहुंचने के लिए सड़क मार्ग का भी प्रयोग किया जा सकता है।
काशी विश्वनाथ के आस-पास घूमने के स्थान
1. विशालाक्षी देवी- काशी में देवी सती का विशालाक्षी देवी नाम का एक शक्तिपीठ है।
2. स्वर्ण मंदिर- काशी में ही एक सोने का दर्शनीय मंदिर है।
3. प्रयागघाट- काशी में गंगा नदी के तट पर प्रयागघाट बना हुआ है।
4. दशाश्वमेध घाट- काशी के मुख्य घाटों में से एक दशाश्वमेध घाट भी है।
मंदिरों का शहर है काशी
इसलिए इसे कहा जाता है वाराणसी
काशी का स्वर्ण मंदिर
कब जाएं
काशी जाने के लिए कोई विशेष समय नहीं है। भक्त सालभर यहां दर्शन के लिए आते है।
कैसे पहुंचें
काशी विश्वनाथ के आस-पास घूमने के स्थान
4. दशाश्वमेध घाट- काशी के मुख्य घाटों में से एक दशाश्वमेध घाट भी है।