शकुनि मामा ने अपने पिता की हड्डी से बनाए थे पासे, जानिए और भी चौंका देने वाले रहस्य

महाभारत एक महान गाथा है। इस महान गाथा में हर पात्र अहम था। जी हाँ, अब आज हम आपको महाभारत के एक ऐसे पात्र के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपनी कुटिल बुद्धि के लिए मशहूर है। आप समझ ही गए होंगे कि हम किसकी बात कर रहे हैं। जी दरअसल हम बात कर रहे हैं शकुनि मामा की। लोग उन्हें महाभारत का खलनायक भी कहते है। शकुनि मामा छल, कपट और दुष्कृत्यों से भरे हुए थे उन्होंने अपने इन्ही कामों के चलते महाभारत में जगह तो पाई लेकिन अच्छी जगह नहीं। महाभारत में युद्ध तक, पांडवों के विनाश के लिए शकुनि मामा चालें चलते गए और उनकी वो चालें काफी हद तक कामयाब भी रहीं। महाभारत में उनकी इन कुटिल चालों के कारण पांडवों के जीवन में पूरे समय तक उथल-पुथल रही और अंत में युद्ध की नौबत आ गई। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं शकुनि मामा के उन रहस्य्मयी पासो के रहस्य जिसके द्वारा शुरुआत हुई महाभारत की।

शकुनि का परिवार : गांधार के राजा सुबाल शकुनि के पिता थे। शकुनि गांधारी के छोटे भाई थे और जब से वह जन्मे थे तभी से वह विलक्षण बुद्धि के स्वामी थे। उनका ऐसा होना राजा सुबाल को अच्छा लगता था।

शकुनि के पासे का रहस्य- आपने महाभारत में देखा होगा शकुनि मामा के पास जो पासे थे वह केवल उनकी बातें सुनते थे। बहुत कम लोग जानते हैं कि वह पासे शकुनि के मृत पिता के रीढ़ की हड्डी के बनाए गए थे। जी दरअसल जब शकुनि के पिता की मौत हुई तो शकुनि ने उनकी कुछ हड्डियों को अपने पास रख लिया। उसके बाद एक बार शकुनि जुआ खेलने के प्रति मोहित हो गए। वह जुआ खेलने में बहुत होशियार थे और इसी के चलते उन्होंने अपने पिता की हड्डियों के पासे बना डाले। यह पासे केवल शकुनि की ही बातें सुनते थे और वह जो कहते थे उसी में ढल जाते थे। पासे उनके कहेनुसार प्रदर्शन करते थे। शकुनि को यह आज्ञा उनके पिता ने ही दी थी। जी दरअसल, शकुनि को उनके पिता ने कहा था, ‘मेरे मरने के बाद मेरी हड्डियों से पासा बनाना, ये पासे हमेशा तुम्हारी आज्ञा मानेंगे, तुमको जुए में कोई हरा नहीं सकेगा।’ शकुनि ने इसी आज्ञा का पालन किया और इस तरह वह जुए में कभी नहीं हारे।

शकुनि के पासे की एक अन्य कहानी- यह भी कहा जाता है कि शकुनि के पासे में भंवरा था। वह भंवरा जीवित था जो जब भी गिरता था शकुनि के पैरों की तरफ ही गिरता था। पासे में हमेशा 6 अंक आते थे और शकुनि इस बात को अच्छे से जानता था। जब भी जुआ खेला जाता था तो शकुनि 6 अंक ही कहता था क्योंकि वह यह जानता था कि आने 6 अंक ही है। शकुनि के अलावा इस राज को केवल उसका छोटा भाई जानता था जिसका नाम था मटकुनि। वह यह जानता था कि पासे में जीवित भंवरा है।

शकुनि के पासे की एक अन्य भी है कहानी – यह भी जनश्रुति है कि शकुनि के पासे हाथी के दांत के बने हुए थे। शकुनि मायाजाल बिछाने में अव्वल था। माया करना, सम्मोहन करना शकुनि को बहुत अच्छे से आता था और यही वजह थी कि वह जब भी जुआ खेलता था तो अपने सम्मोहन शक्ति से पासे के अंक बदल देता था। वह अपने पक्ष में पासे ले लेता था और इसी के चलते वह जुए में जीत जाता था। महाभारत में जब जुआ खेला गया तो कई बार पासे पांडवों के पक्ष में रहे लेकिन शकुनि के सम्मोहन के चलते पांडव भ्र्म में रहे और उन्हें यही लगता रहा कि पासे एकदम सही है।

शकुनि मामा की मौत- पुराणो में बताया गया है कि कुरुक्षेत्र के युद्ध में सहदेव ने शकुनि मामा को मौत दे दी थी। केवल इतना ही नहीं बल्कि शकुनि के सभी भाइयों का वध भी हुआ था जो अर्जुन के द्वारा किया गया था।

क्या सच में शकुनि ही थे महाभारत के खलनायक- महाभारत का सबसे बड़ा खलनायक शकुनि को माना जाता है लेकिन क्या सच में वह खलनायक थे…? कहा जाता है अगर किसी ने तुम्हे दुःख दिए है तो उससे बदला लेना स्वभाविक है तो शकुनि मामा ने भी तो वही किया तो क्या वो गलत थे? अब इन सवालों के जवाब आप कमेंट्स में दे सकते है और अपना मत रख सकते है।

अगर आपको बार-बार सुनाई देती है इस जानवर की आवाज तो हो जाए सावधान!, नहीं तो.....
11 मार्च को है महाशिवरात्रि, ऐसे करें उपवास और पूजा, सभी मनोकामनाएं होंगी पूर्ण

Check Also

Varuthini Ekadashi के दिन इस तरह करें तुलसी माता की पूजा

 हर साल वैशाख माह के कृष्ण पक्ष में वरूथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi 2025) का व्रत …