मकर राशि में शनिदेव के बाद देव गुरु बृहस्पति के अस्त होने के बाद नहीं हों सकेंगे ये कार्य

शनि ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में न्यायाधीश माना गया है. 7 जनवरी 2021 को शनिदेव अस्त हो चुके हैं. अब देव गुरु बृहस्पति भी अस्त होने जा रहे हैं. शनि के साथ बृहस्पति ग्रह का अस्त होना कई मामलों में शुभ परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है.

बृहस्पति कब अस्त होंगे?
बृहस्पति अभी मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. यह पर वे शनि के साथ मौजूद हैं. इस समय मकर राशि में दो अन्य ग्रह बुध और सूर्य भी मौजूद हैं. यानि मकर राशि में इस समय चार ग्रहों का योग बना हुआ है. सूर्य के पुत्र शनि है. मकर संक्रांति पर सूर्य अपने पुत्र के घर पर आए हैं. लेकिन शनि अस्त हैं. ज्योतिष गणना के अनुसार बृहस्पति 17 जनवरी 2021 रविवार को शाम 5.52 मिनट पर अस्त होंगे.

बृहस्पति का उदय कब होगा
पंचांग और ज्योतिष गणना के आधार पर बृहस्पति 14 फरवरी को उदय होंगे. बृहस्पति के उदय होने के बाद शादी विवाह और मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगे.

शादी विवाह के लिए नहीं है उत्तम समय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब बृहस्पति और शुक्र ग्रह अस्त हो जाते हैं तो शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. मान्यता है कि बृहस्पति और शुक्र ग्रह के अस्त होने के बाद यदि कोई शादी विवाह करता है तो उसमें कोई न कोई बाधाएं बनी रहती हैं. इसीलिए इस दौरान शादी विवाह जैसे आयोजन नहीं किए जाते हैं. प्रेम और दांपत्य जीवन के लिए शुक्र को एक प्रमुख कारक ग्रह माना गया है. शुक्र भी 16 फरवरी के बाद अस्त हो रहे हैं. इसलिए शादी विवाह के कार्यक्रम अब बृहस्पति और शुक्र के उदय होने के बाद ही संपन्न करने चाहिए.

राशियों पर प्रभाव
बृहस्पति और शुक्र के अस्त होने से मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या समेत सभी राशियों पर प्रभाव पड़ेगा. इस दौरान धन संबंधी मामलो में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.

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