गणेशोत्सव पर इस विधि से श्री गणेश की करें स्थापना

श्री गणेश हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में गिने जाते हैं. श्री गणेश को उनके पिता के द्वारा दिए गए वरदान के कारण सभी देवी-देवताओं में पहले पूजा जाता है. किसी भी शुभ कार्य में श्री गणेश जी को पहले याद किया जाता है. वहीं बात गणश चतुर्थी की हो तो फिर क्या कहना. भारत में गणेश चतुर्थी का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता है. 10 दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार की शुरुआत गणेश चतुर्थी के साथ होती है और इसका समापन गणेश चतुर्दशी के साथ होता है. गणेश जी की स्थापना घर-घर में होती है और गलियों-मोहल्लों में भी बड़े-बड़े पांडाल लगाकर श्री गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की जाती है. श्री गणेश की स्थापना से पहले कुछ ख़ास बातों को जानना भी जरूरी है जो हम आपको बताने जा रहे हैं.

गणेश चतुर्थी स्थापना विधि..

– इसके लिए स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें.

– चौकी को गंगाजल से साफ कर उस पर हरे या फिर लाल रंग का स्वच्छ कपड़ा बिछाएं.

– अब बिछाए गए कपड़े पर अक्षत रखें, फिर अक्षत के ऊपर भगवान गणेश की मूर्ति को स्थान दें.

– श्री गणेश की मूर्ति पर गंगाजल का छिड़काव करें.

– अगली कड़ी में श्री गणेश को जनेऊ धारण कराएं और फिर बाईं ओर अक्षत रखकर घट यानी कि कलश की स्थापना करें. आपको इस बात से अवगत करा दें कि इस कलश पर स्वास्तिक का चिन्ह बना होना चाहिए.

– ध्यान रहें कि कलश के भीतर गंगा जल और एक सिक्का डालें. वहीं आम के पत्ते रखें और नारियल पर धागा बंधा हुआ होना चाहिए.

– भगवान श्री गणश को दूर्वा सबसे प्रिय है. कलश स्थापना के बाद उन्हें दूर्वा चढ़ाए और फिर पंचमेवा, मोदक का भोग अर्पित करें.

– फूलों का पूजा में अधिक महत्व होता है. श्री गणेश को फूल-माला, रोली आदि चढ़ाए.

– रोली की सहायता से श्री गणेश का तिलक करें और इसके बाद अखंड ज्योत जलाए. इसे भगवान गणेश की दाईं और रख दें.

– अंत में आपको पूरे विध-विधान के साथ भगवान श्री गणेश की आरती करनी है.

नवरात्रि : नवरात्र की 9 देवी और उनके मंत्र...
शत्रुओं के नाश के लिए इस विशेष शिवलिंग का करे अभिषेक...

Check Also

Varuthini Ekadashi के दिन इस तरह करें तुलसी माता की पूजा

 हर साल वैशाख माह के कृष्ण पक्ष में वरूथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi 2025) का व्रत …