उल्लू और कौए की भांति ही कुत्ते यम के दूत माने गए हैं। इन्हें लोग अमांगलिक कहते हैं, जिनसे सावधान होकर पितृलोक में मृतात्माओं के जाने के लिए कहा गया है।हिन्दू धर्म के चार वेदों में से एक ऋग्वेद में श्वान के बारे में कुछ खास लिखा गया है। जिसके मुताबिक कुत्ता अशुभ हैं, इनके किसी स्थान पर होने से मृत्यु होती है। ये विनाश का कारण बनते हैं। लेकिन कुछ जगहों पर कुत्ते को शुभ भी माना गया है। ईरान में कुत्ते के प्रति शुभ शकुनसूचक भावनाएं पाती जाती हैं। इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र में श्वान संबंधित कुछ कर्म भी बताए गए हैं।
आपके घर के सामने गाय के साथ कुत्ता खेलता हुआ दिखे तो यह अच्छे संकेत हैं। अगर आप संतान प्राप्ति के बारे में सोच रहे हैं और आपको ऐसा संयोग दिखे तो यह अच्छा माना जाता। कुत्ता यदि कोई वस्त्र या फिर छाल या फिर मुंह में दबाकर सूखी लकड़ी ले आए तो यह अशुभ फल देता है। यदि कुत्ता किसी व्यक्ति के सामने मुंह में मनुष्य का सिर, हाथ पैर जैसा कोई अंग लेकर आ जाए तो उस व्यक्ति को भूमि की प्राप्ति हो सकती है।