तुलसी स्मारक भवन को 1969 में श्री विश्वनाथ दास जी द्वारा बनवाना शुरू किया गया था। बाद में उत्तर प्रदेश के गर्वनर ने महान संत और रामायण के लेखक गोस्वामी तुलसी दास की स्मृति में इसे बनवाया। यह भवन 300 फीट की ऊंचाई पर राजगंज क्रॉसिंग पर राष्ट्रीय राजमार्ग के पूर्वी हिस्से में स्थित है। यह माना जाता है कि संत तुलसीदास ने इसी स्थान पर बैठकर रामायण को रचा था।
इस स्मारक में एक रिसर्च इंटीट्यूट चलता है जिसे अयोध्या शोध संस्थान कहा जाता है। यहां एक बड़ी सी लाइब्रेरी भी है जिसमें कई इतिहासकारों और विद्वानों द्वारा लिखित बहुमूल्य किताबें रखी हुई हैं। इस स्मारक में राम कथा संग्रहालय घर भी है, जिसे 1988 में इस स्मारक में शामिल किया गया था।
इस संग्रहालय का उद्देश्य श्री राम से जुड़े तथ्यों को एकत्र करना, उन्हे संरक्षित करना और पुरावशेषों को प्रदर्शित करना है। यह भवन भी सांस्कृतिक केंद्र है जहां 20 मई 2004 से हर दिन शाम को 6 बजे से 9 बजे तक राम लीला को खेला जाता है। इस केंद्र में प्रार्थना, धार्मिक चर्चा, उपदेश, भक्ति गीत, संगीत और कीर्तन भी आयोजित किए जाते है। तुलसी जयंती, सावन के महीने के सातवें दिन भरपूर जोश और उत्साह से साथ मनाई जाती है।