सीता की रसोई वास्तव में एक शाही रसोई घर नहीं बल्कि एक मंदिर है। यह मंदिर राम जन्म भूमि के उत्तरी – पश्चिमी भाग में स्थित है। इस मंदिर में भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न व उन सभी की पत्नियों सीता, उर्मिला,मांडवी और सुक्रिर्ति की मूर्ति लगी हुई हैं।
इस रसोई में प्रतीकात्मक रसोई के बर्तन रखे हैं जिनमें रोलिंग प्लेट या चकला और बेलन रखे है। उस दौरान यह रिवाज हुआ करता था कि नव – वधू, पूरे परिवार के लिए शगुन के तौर पर खाना पकाती थी। हालांकि, विद्वानों को मानना है कि माता सीता ने अपने परिवार के लिए खाना नहीं बनाया था लेकिन पूरी मानव जाति के लिए यह स्थल माता अन्नपूर्णा के समान है।
इस रसोई के बारे में एक और रोचक तथ्य यह है कि बाबरी मस्जिद के मुख्य मेहराब पर लिखा हुआ है कि जन्मस्थान सीता की रसोई, जो सीता की रसोई का अस्तित्व बताता है। इस लिखावट को राम चंद्र गांधी के द्वारा खोजा गया था, जो महात्मा गांधी के पोते और एक प्रसिद्ध भारतीय साहित्यकार और दार्शनिक थे।